"/>

Search This Blog

Sunday, August 29, 2010

मिसाल




मिसाल रखना एक बहुत उम्दा  खूबी है

किसी को हराना बहुत बड़ी बात नहीं,



जीतना सिर्फ आदमी की पहचान नहीं

परिंदे तो बहुत उड़ते देखे होंगे सब
ने



जो आसमान को चीर दे,ऐसे कितने होंगे उन सब में

ज़मी को नहीं भूलते चीरते हुए आसमान को


पूजते है इस धरती को जब भरते है वोह उड़ान को










मिसाल बनाना आसान नहीं

इसमें कभी भी कोई बेमान नहीं 



जलते है वोह जिनके खुद के सपने नहीं होते

क्यूँकी फसल तोह तभी उगेगी जब कोई जोते

आरजू रखना एक ऐतबार है



पर हकीकत में जो तब्दील करे उसी के लिए सजा हुआ दरबार है












आओ देखे कौन है वोह परिंदा जिसमे है आसमान को चीरने की 


ताकत


शक तोह लोग करेंगे चाहे वोह था सिकंदर जैसा शासक

चाहे कितने ही मुश्किलें आये तेरी रहो में

भूलना नहीं अपनी जड़ो को,तू चल अलग इन बहती हवाओ से

जीत पे गौर न करना कभी,वोह तोह मिल ही जाएगी

मंजिल पे गौर कर मेरे दोस्त तू क्यूँकी तरक्की वही दिलाएगी








-Kshitij Chitranshi

No comments:

Post a Comment